The best Side of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
The best Side of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
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शादीशुदा जीवन में सामंजस्य बनाए रखने के लिए।
ॐ नमो आदेश गुरु का एक फूल फूल भर दोना चौंसठ योगिनी ने मिल किया टोना फूल फूल वह फल न जानी हनुमन्त वीर घेर घेर दे आनी जो सूंघे इस फूल की बास उसका जी प्राण हमारे पास सोती होय तो जगाय लाव बैठी होय तो उठाय लाव और देखे जरे बरै, मोहि देखि मोरे पायन परे मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा वाचा वाची से टरे तो कुम्भी नरक में परे।
या भुज ते महिषासुर मारि और शुम्भ निशुम्भ दोऊ दल थम्बा आरत हेतु पुकारत हौं, जाइ कहां बैठी जगदम्बा खड्ग टूटो कि खप्पर फूटो कि सिंह थको तुमरो जगदम्बा आज तोहे माता भक्त शपथ बिनु शान्ति दिए जानि सोवहु अम्बा।
विधि: शनिवार की रात्रि में इस मन्त्र का एक सौ एक जप करें। मन्त्रजप के समय घी का दीपक जलता रहे। गुग्गुल की धूनी दें तथा पुष्प और मिठाई प्रसाद के रूप में चढ़ाएं। फिर उस मिठाई को मन्त्र से अभिषिक्त करके जिसे भी खिला देंगे, वह वशीभूत होकर कहना मानने पर बाध्य हो जाएगा।
यह मंत्र विवाह संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप विवाहित या विवाह करने वाले व्यक्ति को अपने वश में कर सकते हैं और उन्हें अपने साथ एक सम्बंध बनाने में मदद कर सकते हैं।
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समय चुनें: मंत्र का उच्चारण करने के लिए शुभ समय चुनें, जैसे ब्रह्ममुहूर्त (सूर्योदय के आसपास), पूर्णिमा या अमावस्या के दिन, या अपनी इच्छा के अनुसार विशेष तिथि।
माता अंजनी का हनुमान। मैं मनाऊं तू कहना मान। पूजा दें, सिन्दूर चढ़ाऊं ‘अमुक’ को रिझाऊं और उसको पाऊँ। यह टीका तेरी शान का। वह आवे, मैं जब लगाऊं। नहीं आवे तो राजा राम की दुहाई। मेरा काम कर नहीं आवे तो अंजनी की सेज पड़।
ध्यान और एकाग्रता: शांत मन और ध्यान से वशीकरण की प्रक्रिया को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है।
वशीकरण मंत्र का उपयोग करने के लिए कई तरीके हैं। यहां कुछ प्रमुख तरीके दिए गए हैं:
इस मन्त्र को किसी शुभ मुहूर्त में सवा लाख जप करके website सिद्ध कर लें। फिर प्रयोग करते समय फूल को एक सौ आठ बार अभिमन्त्रित कर जिस स्त्री के सिर पर डाला जायेगा, वह साधक पर पूरी तरह से मोहित हो जाती है। अमुकीं के स्थान पर साध्य स्त्री का नाम लें।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय त्रिलोचनाय त्रिपुर वाहनाय अमुक मम वश्य कुरु कुरु स्वाहा
पारिवारिक और व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान।
कामाख्याये वरदे देवी नीलपर्वतावासिनी